Solar Eclipse 2022 साल का आखरी सूर्य ग्रहण जानिए कब पड़ेगा

Solar Eclipse 2022 साल का आखरी सूर्य ग्रहण जानिए कब पड़ेगा

Solar Eclipse 2022: साल का आखरी सूर्य ग्रहण जानिए कब पड़ेगा। वर्ष 2022 में कुल 2 सूर्य ग्रहण पड़ने थे पहला सूर्य ग्रहण पड़ चुका है अब दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण दीपावली के दिन पड़ रहा है दिनांक 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन अमावस्या की तिथि रहेगी सूर्य ग्रहण का समय क्या है सूतक क्या है सूतक काल कौन से समय तक रहेगा और सूर्य ग्रहण क्या होता है इस बारे में आज हम विस्तार से चर्चा करेंगे ।

Solar Eclipse 2022: साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लगने वाला है इस साल 25 अक्टूबर 2022 को दीपावली पड़ रही है । दीपावली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है अगर अमावस्या की तिथि की हम बात करते हैं तो अमावस्या 24 अक्टूबर को भी पड़ेगी और 25 अक्टूबर को भी पड़ेगी । अर्थात अमावस्या 2 दिन रहेगी । अमावस्या की तिथि 24 अक्टूबर 2022 को शाम 5:27 पर शुरू हो रही है तथा 25 अक्टूबर 2022 को दोपहर 4:18 बजे तक रहेगी । इसका मतलब यह है की अमावस्या का समय 25 अक्टूबर को ज्यादा रहेगा अतः सूर्यग्रहण मंगलवार 25 अक्टूबर दिन अमावस्या को पड़ेगा ।

यह ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा जो साल 2022 का दूसरा शुरू ग्रहण होगा यह ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप उत्तरी पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ भागों में दिखाई देगा भारत में भी सूर्य ग्रहण दिखाई देगा जो नई दिल्ली बेंगलुरु कोलकाता चेन्नई वाराणसी मथुरा और उज्जैन आज अनेक शहरों में दिखाई देगा ऐसा बताया जा रहा है कि पूर्वी भारत को छोड़कर शेष भारत में यह देखने को मिलेगा ।

इस ग्रहण से ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ राशियों पर अच्छा और कुछ राशियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है सूतक काल का समय क्या है और ग्रहण के दौरान किन किन बातों का ध्यान रखना पड़ेगा आइए जानते है

सूर्य ग्रहण क्या होता है

आंशिक सूर्य ग्रहण क्या होता है

सूर्य ग्रहण एक भाव वाली घटना है जिसे कई बार आंखों से देखा जा सकता है और कई बार आंखों से नहीं देखा जा सकता दरअसल होता यह है कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी समेत कई ग्रह परिक्रमा करते थे पृथ्वी का एक उपग्रह चंद्रमा है और वह पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा करते रहता है लेकिन कई बार ऐसा हो जाता है सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक सीधा आने के बीच में चंद्रमा आ जाता है इसी घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं

प्राप्त जानकारी के अनुसार आंशिक सूर्य ग्रहण अमावस्या को दिखाई देता है आंशिक पूर्ण ग्रहण बलिया का सूर्य ग्रहण के नाम से भी जाना जाता है

भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 मंगलवार को दोपहर 4:29 से शाम 5:30 तक यानी लगभग 1 घंटा 14 मिनट रहेगा यह भी बताया जा रहा है कि सूर्यास्त के साथ यह ग्रहण 5:43 पर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा

सूर्य ग्रहण का सूतक और सूतक का समय क्या है

जानकारी के मुताबिक सूर्य ग्रहण लगने से पहले कुछ समय अशोक माना जाता है इसी को हम सूतक कहते हैं सूतक काल में कोई भी मांग ले काम नहीं किया जाता और ना कोई भी काम प्रारंभ किया जाए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और खत्म होने के बाद खत्म होता है ऐसा बताया जाता है कि अगर कहीं भी दिखाई देता है तो तो सूतक काल पहा कहां जाता है आंशिक सूर्य ग्रहण का सूतक 3:17 पर शुरू होगा और शाम को 5:43 पर खत्म होगा

सूतक काल में क्या करें और क्या नहीं

सूर्य ग्रहण पड़ने से पहले सूतक काल समय माना जाता है सूतक काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है सूतक काल में भगवान किधर है ऐसा बताते हैं कि सूतक काल में नहीं खाना बनाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए अगर खाना पहले से बना हुआ रखा है तो उसमें तुलसी के पत्ते डाल दें उसके बाद उसको खाना चाहिए सूतक काल में दांतो की सफाई नहीं करनी चाहिए और बालों में कंघी भी नहीं करनी चाहिए सूतक काल में भगवान के मंदिर के पट बंद कर देना चाहिए सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर के बाहर नहीं जाना चाहिए सूर्य ग्रहण के दौरान ओम आदित्य विद महेश दिवाकर आया धीमहि तन्नो प्रचोदयात इस मंत्र का जाप करना चाहिए

जानिए सूर्य ग्रहण से संबंधित पौराणिक कथा

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का संबंध राहु और केतु से है ऐसा बताया जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब देवी देवताओं और राक्षसों में अमृत से भरे हुए कलश के लिए युद्ध हो रहा था तब युद्ध में राक्षसों की जीत हुई थी और राक्षस कलश को लेकर पाताल में चले गए थे तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अक्षरा का रूप धारण किया था और असल में वह अमृत कलश असुरों ने ले लिया था उसके बाद भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृत पिलाना शुरू किया तो स्वर भानु नामक राक्षस ने धोखे से अमृत पी लिया था और देवताओं को जैसे ही इस बारे में पता चला उन्होंने भगवान विष्णु को इस बारे में बता दिया इसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका क्षेत्र से रख कर दिया ऐसा बताया जाता है कि स्वर भानु के शरीर के दो हिस्से हो गए एक ऐसा राहू और एक ही सके तू बन गया और देवताओं से अपमान का बदला लेने के लिए सूर्य और चंद्रमा से बदला लेने के लिए बार-बार गए हैं लगाता है

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